Facts About Mount Everest In Hindi : माउंट एवरेस्ट दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत है, जो समुद्र तल से 29,029 फीट (8,848 मीटर) ऊपर है। यह हिमालय पर्वत श्रृंखला में नेपाल और चीन की सीमा पर स्थित है।
आइए जानते हैं दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत माउंट एवरेस्ट के बारे में दिलचस्प तथ्य, Interesting facts about Mount Everest in Hindi–

Amazing Facts About Mount Everest In Hindi – माउंट एवरेस्ट के 20 रोचक तथ्य
1. माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने वाले पहले नेत्रहीन व्यक्ति संयुक्त राज्य अमेरिका के ‘एरिक वेहेनमेयर’ थे जिन्होंने 2001 में यह उपलब्धि हासिल की थी।
2. माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने वाली पहली महिला जापान की ‘जुन्को तबेई’ थीं, जिन्होंने 1975 में यह उपलब्धि हासिल की थी साथ ही यह हर महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़कर सात शिखरों पर चढ़ने वाली पहली महिला थीं।
3. माउंट एवरेस्ट के 29,029 फीट (8,848 मीटर) की तुलना में संयुक्त राज्य अमेरिका के हवाई राज्य में स्थित निष्क्रिय ज्वालामुखी Mauna Kea समुद्र तल से केवल 13,796 फीट ऊपर है।

हालांकि, यदि पानी की सतह के नीचे के आधार Mauna Kea की ऊंचाई की गणना की जाए, तो पर्वत 33,464 फीट (10,200 मीटर) ऊंचा है, जो तकनीकी रूप से माउंट एवरेस्ट से लगभग 1.3 किमी लंबा है।

4. माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने वाले पहले दिव्यांग न्यूजीलैंड के प्रसिद्ध वक्ता, शोधकर्ता और पर्वतारोही मार्क इंगलिस थे, जिन्होंने 2006 में यह उपलब्धि हासिल की थी।
5. माउंट एवरेस्ट की पहली एकल चढ़ाई इटली के पर्वतारोही ‘रेनहोल्ड मेसनर’ ने 1980 में की थी। वह बिना ऑक्सीजन के समुद्र तल से 8,000 मीटर (26,000 फीट) से अधिक की सभी चौदह चोटियों पर चढ़ने वाले पहले पर्वतारोही थे। पूरक ऑक्सीजन के बिना माउंट एवरेस्ट के शिखर पर पहुंचने वाले पहले व्यक्ति भी रेनहोल्ड मेसनर थे, जिन्होंने 1978 में यह उपलब्धि हासिल की थी।
6. माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने वाले सबसे बुजुर्ग व्यक्ति जापान के ‘यूइचिरो मिउरा’ थे, जो 2003 में 70 वर्ष की आयु में, माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने वाले सबसे उम्रदराज व्यक्ति बन गए थे। यह रिकॉर्ड बाद में उन्होंने ही तोड़ा और 80 वर्ष के की उम्र में उन्होंने 2013 में माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचकर यह उपलब्धि हासिल की। उनका यह वर्ल्ड रिकॉर्ड गिनीज बुक में भी दर्ज है।
7. माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति संयुक्त राज्य अमेरिकी पर्वतारोही जॉर्डन रोमेरो थे जिन्होंने 2010 में महज 13 वर्ष की उम्र में यह कारनामा किया था। सबसे कम उम्र में एवरेस्ट पर चढ़ने का पिछला रिकॉर्ड नेपाल की ‘मिंग किपा’ के पास था, जो 22 मई 2003 को 15 वर्ष की उम्र में माउंट एवरेस्ट के शिखर पर पहुंची थी।
8. माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के दो मुख्य मौसम होते हैं, एक बसंत में और दूसरा पतझड़ में। अधिक स्थिर मौसम की स्थिति के कारण आमतौर पर वसंत ऋतु को पहाड़ पर चढ़ने का सबसे अच्छा समय माना जाता है।
9. माउंट एवरेस्ट की चोटी तक पहुंचने का प्रयास करने वाले पर्वतारोहियों के लिए आधार शिविर 5,364 मीटर (17,600 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है।
10 माउंट एवरेस्ट की पहली शीतकालीन चढ़ाई 1980 में पोलैंड के ‘करज़िस्तोफ़ विलेकी’ द्वारा की गई थी।
11. अनुकूलन की प्रक्रिया, या उच्च ऊंचाई के लिए अभ्यस्त होना, माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
12. माउंट एवरेस्ट के शिखर पर चढ़ने वाले मार्ग को दक्षिण कोल मार्ग के रूप में जाना जाता है।
13. माउंट एवरेस्ट पर मृत्यु दर अपेक्षाकृत अधिक है, एक अनुमान के अनुसार 10 में से एक पर्वतारोही शिखर तक पहुँचने का प्रयास करते हुए मर जाता है।
14. 29 मई, 1953 को ‘तेनजिंग नोर्गे’ तथा ‘एडमंड पर्सिवल हिलेरी’ माउंट एवरेस्ट के शिखर पर चढ़ने वाले पहले पर्वतारोही बने। तेनज़िंग नोर्गे की इस ऐतिहासिक सफलता ने उन्हें इतिहास में अमर कर दिया है। 1959 में तेनजिंग नोर्गे को भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘पद्मभूषण’ से अलंकृत किया गया। नोर्गे को नेपाल और ब्रिटिश सरकार ने भी सम्मानित है
15. माउंट एवरेस्ट के आसपास कई किंवदंतियां और मिथक हैं, जिसमें यह विश्वास भी शामिल है कि यह भगवान शिव का घर है और इसमें छिपे हुए खजाने हैं।
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16. माउंट एवरेस्ट के शिखर पर तापमान -76 डिग्री फ़ारेनहाइट (-60 डिग्री सेल्सियस) तक गिर जाता है और हवा इतनी पतली चलती है कि सांस लेना मुश्किल हो जाता है।
17. वैज्ञानिकों के अनुसार टेक्टोनिक प्लेट में लगातार उभार की वजह से माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई आज भी बढ़ती जा रही है। हर साल, माउंट एवरेस्ट लगभग 4 मिमी बढ़ रहा है।
18. माउंट एवरेस्ट का नाम ‘सर जॉर्ज एवरेस्ट’ के नाम पर रखा गया था, जो एक ब्रिटिश सर्वेक्षक थे, जिन्होंने 19वीं शताब्दी में भारत में सर्वेयर जनरल के रूप में उन्होंने काम किया था। ब्रिटिश सर्वेक्षक ‘एंड्रयू वॉ’ की सिफारिश पर वर्ष 1865 में इस शिखर का नामकरण सर जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर हुआ। इससे पहले माउंट एवरेस्ट को ‘पीक-15’ नाम से जाना जाता था।
19. माउंट एवरेस्ट विभिन्न प्रकार के पौधों और जानवरों के जीवन का घर है, जिसमें याक, पिका, हिम तेंदुआ और पक्षियों की विभिन्न प्रजातियाँ शामिल हैं।
20. माउंट एवरेस्ट के बाद कश्मीर में स्थित K2 पृथ्वी पर दूसरा सबसे ऊंचा पर्वत है जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से 8,611 मीटर (28,251 फीट) है। हालांकि, एवरेस्ट का शिखर K2 से अधिक ऊंचाई पर है, फिर भी K2 पर्वत के शिखर पर चढ़ना माउंट एवरेस्ट की तुलना में अधिक कठिन और खतरनाक है।
अधिक खराब मौसम तथा खड़ी चट्टानों के कारण दुनिया के पांच सबसे ऊंचे पहाड़ों में से K2 पर चढ़ना सबसे घातक है। रिकॉर्ड के अनुसार K2 पर चढ़ने वाले हर चार में से एक पर्वतारोही की मृत्यु हो जाती है। 2021 तक केवल 377 लोगों ने इसके शिखर की चढ़ाई पूरी की है जबकि दिसंबर 2021 तक माउंट एवरेस्ट के शिखर पर 6,014 लोग चढ़ चुके हैं।
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